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Kerala: माकपा का आरोप, भाजपा और संघ के इशारे पर संवैधानिक संकट पैदा कर रहे राज्यपाल






राज्यपाल की कड़ी आलोचना के बीच केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हर रोज राज्यपाल के साथ लड़ रहे हैं।

केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर भाजपा और आरएसएस के इशारे पर राज्य में संवैधानिक संकट पैदा करने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा ने उनका बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है। राज्यपाल खान के इस दावे पर कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गणतंत्र दिवस परेड में आरएसएस को आमंत्रित किया था, कांग्रेस ने कहा कि यह एक गंभीर ऐतिहासिक टिप्पणी है जिसे उन्हें वापस लेना चाहिए और इस तरह की टिप्पणी करने के लिए खेद भी व्यक्त करना चाहिए। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने आज ट्वीट किया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई।



अपनी अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल ने लगाए कई आरोप 
एक दिन पहले राजभवन में अपनी अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाम सरकार और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ कई आरोप लगाने वाले राज्यपाल पर अपना हमला तेज करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ मंत्रियों ने कहा कि राज्यपाल अपनी संवैधानिक स्थिति के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं। वाम दल के नेताओं ने कहा कि राज्यपाल कुछ सत्ता केंद्रों के उपकरण बन गए हैं और उनके कार्य उनके कार्यालय को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस राज्य में संवैधानिक संकट पैदा करने के लिए राज्यपाल का इस्तेमाल कर रहा है।


केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे बोलीं, राज्यपाल को नहीं दी गई उचित सुरक्षा 
राज्यपाल की कड़ी आलोचना के बीच केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि यह बहुत गलत है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हर रोज राज्यपाल के साथ लड़ रहे हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और विश्वविद्यालयों के लिए स्वायत्तता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को उचित सुरक्षा भी नहीं दी गई है। इरफान हबीब ने उन पर हमला किया, लेकिन आज तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। एक तरफ सरकार पीएफआई और एसडीपीआई के साथ बैठी है और दूसरी तरफ राज्यपाल को सुरक्षा मुहैया नहीं करा रही है। अगर सरकार राज्यपाल की ही सुरक्षा नहीं कर सकीत तो लोगों की रक्षा कैसे करेगी? यहां महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं। अकेले 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 16,418 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 2,000 से अधिक बलात्कार के मामले थे।  

इस बीच भाकपा के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र भेजकर अनुरोध किया कि वे स्थिति की गंभीरता का संज्ञान लें और केरल के राज्यपाल को अपने प्रतिष्ठित कार्यालय की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखने के लिए तत्काल आवश्यक निर्देश जारी करें। वह राज्य सरकार के संवैधानिक कामकाज में हस्तक्षेप से दूर रहें। अपने पत्र में विश्वम ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य सरकार के साथ टकराव के रास्ते पर हैं और उनके कार्य स्पष्ट रूप से संविधान विरोधी हैं। माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल को राज्यपाल के रूप में काम करना चाहिए न कि आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में। 

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