भारत का विभाजन सूची भारत का विभाजन
ट्रेन टू पाकिस्तान

ट्रेन टू पाकिस्तान या पाकिस्तान मेल (Train To Pakistan) सुप्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यासकार खुशवंत सिंह का 1956 में अमेरिका के ग्रोव प्रेस अवार्ड से पुरुस्कृत उपन्यास है। यह अगस्त 1947 में भारत विभाजन की त्रासदी पर केन्द्रित है। ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ में पंजाब के एक कल्पित गांव ‘मनु माजरा’ की कहानी कहता है। यह गाँव भारत-पाक सीमा के क़रीब ही स्थित है यहाँ सदियों से मुसलमान और सिख मिल-जुल कर रह रहे हैं। पर देश के विभाजन के साथ ही स्थितियाँ बदल जाती हैं और लोग एक-दूसरे के ख़ून के प्यासे हो जाते हैं। यह सारा वृत्तांत एक प्रेम कहानी की पृष्ठभूमि में है। .
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ढाका
ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .
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