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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले


RSS: दत्तात्रेय होसबाले ने देश में असमानता पर जताई चिंता, बोले- गरीबी और बेरोजगारी देश में दानव की तरह खड़े

स्वदेशी जागरण मंच के कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि 20 करोड़ लोग अब भी गरीबी रेखा से नीचे हैं। इतना ही नहीं देश के 23 करोड़ लोगों की दैनिक आय 375 रुपये से भी कम है। उन्होंने कहा कि देश में गरीबी, बेरोजगारी दानव की तरह खड़े हैं। असमानता बढ़ रही है। देश के बड़े हिस्से को अब भी न तो स्वच्छ पानी मिलता है और न ही पौष्टिक भोजन। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस राक्षस का वध करें। 



बेरोजगारी की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं। श्रम बल सर्वेक्षण कहता है कि देश में बेरोजगारी दर 7.6 फीसदी है। उन्होंने कहा कि एक और बड़ा मुद्दा बढ़ती आर्थिक असमानता है। उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन क्या स्थिति अच्छी है? भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आबादी के पास देश की आय का पांचवां (20 फीसदी) हिस्सा है। साथ ही देश की 50 फीसदी आबादी के पास देश की आय का केवल 13 प्रतिशत है।


संघर्ष और शिक्षा का खराब स्तर भी गरीबी के कारण
उन्होंने कहा कि देश के एक बड़े हिस्से में अभी भी स्वच्छ पानी और पौष्टिक भोजन नहीं है। नागरिक संघर्ष और शिक्षा का खराब स्तर भी गरीबी का एक कारण है। इसीलिए नई शिक्षा नीति की शुरुआत की गई है। यहां तक जलवायु परिवर्तन भी गरीबी का एक कारण है। और कई जगहों पर सरकार की अक्षमता गरीबी का कारण है। संघ नेता कहा कि हमें केवल अखिल भारतीय स्तर की योजनाओं की ही नहीं, बल्कि स्थानीय योजनाओं की भी जरूरत है। यह कृषि, कौशल विकास, विपणन आदि के क्षेत्र में किया जा सकता है। हम कुटीर उद्योगों को पुनर्जीवित कर सकते हैं। हमें स्वरोजगार और उद्यमिता में रुचि रखने वाले लोगों को खोजने की जरूरत है।




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