स्वामी विवेकानंद का निधन महज 39 साल की उम्र में हो गया था। इतने कम समय में जो उन्होंने कार्य किया वो अकल्पनीय और अविश्वसनीय है।
खासकर हमारे जैसे युवाओं के लिए, अगर आप युवा है तो आपको स्वामी विवेकानंद के बारे में ज़रूर जानना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद सदियों से हर भारतीय युवा के लिए आदर्श रहे हैं। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की 157 वीं जयंती है,
जिसे भारत में ‘युवा दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। विवेकानंद बचपन से जिज्ञासु और एक विशेष प्रतिभा के धनी थे।
उनका आदर्श विचार और शक्तिशाली व्यक्तित्व आज भी दुनिया को प्रेरित करती है।
यूरोप अमेरिका वाले भारतवासियों को हीन दृष्टी से देखते थे। इसीलिए स्वामी विवेकानंद को भी उनकी हीनता मनोग्रंथि को झेलना पड़ा।
वहाँ मौजूद सभी लोग स्वामी विवेकानंद को बोलने के लिए मंच ही नही देना चाहते थे।
लेकिन जब बोले तो दुनिया ने अपनी हीनता मनोग्रंथि को भारत के लिए सदा के लिए मिटा दिया
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