Header Ads Widget

पलायन और जीवन शैली में बदलाव से बढ़ रहा ठोस कचरा

 दिल्ली सरकार ने गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को बताया कि ‘ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर लोगों के पलायन और लोगों के जीवनशैली में बदलाव के कारण दिल्ली लगातार ठोक कचरा की मात्रा में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने ठोस कचरा की बढ़ोतरी में शहर में सामान्य आर्थिक गतिविधयों को भी जिम्मेदार बताया है।

एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सरकार ने राजधानी दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के प्रभावी तरीके से पालन करने के बारे में रिपोर्ट पेश करते हुए यह जानकारी दी है। सरकार की ओर से विशेष सचिव (पर्यावरण) डॉ. के.एस. जयचंद्रन ने यह रिपोर्ट पेश की है। कहा कि दिल्ली में रोजाना औसतन 11332 टन ठोस कचरा निकलता है। पिछले साल अक्तूबर में, ट्रिब्यूनल ने राजधानी में ठोस कचरा का उचित निपटान नहीं किए जाने पर दिल्ली सरकार पर पर्यावरणीय हर्जाने के तौर पर 900 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था। भविष्य की योजना के लिए एक समिति भी गठन किया था।

Post a Comment

0 Comments