Header Ads Widget

आज का लेखक क्या सोचता है

आज का लेखक क्या  सोचता है समस्या लिखू या समस्या जो खड़ी होनी बाली  है उन से कैसे आज का या लेखक क्या  सोचता है लेखक
JNU के बारे  में  क्या सोचत हू  में अपनी  इन आँखों  से देखता हू  तो  JUN  वो विश्वविद्यालय  है  जो देश  की अखंड़ता के लिया खतरा  है   JUN हा जी खतरा है  आए दिन किसी ना किसी विषय पर बवाल होता  ही रहता है इसमें उनकी राजनीति छुपी हुई है  हो क्यों ना कैपिटल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी JNU  है आबू हवा का असर तो रहेगा खासकर यहां की राजनीतिकरण से छात्रों का और भी तुष्टीकरण
 बड़ा है जैसे कि अफजल की फांसी के समय  कन्हैया ने खूब नारे लगाए और दिल्ली सरकार कांग्रेस और ने भी टुकड़े  टुकड़े  गेंग का  समर्थन किया
 हमे  बचपन से सीखया जाता है गलत चीजों मैं साथ ना दे आगे चलकर वह गलत ही इंसान बनेंगे उनके  अपने बच्चों को अभी नहीं सुधरेंगे तो देश बिगाड़  देंगे   बच्चे का भविष्य उज्जवल देशहित की ओर जाता है
 जिनके नाम पर यूनिवर्सिटी का  नाम   पंडित जवाहरलाल नेहरू  वह व्यक्ति हैं बाहर पढ़कर आए ज्यादा तो नहीं मालूम पर वह उन दिनों पढ़ने गए थे जब अपने भारत में गरीबी का वह आलम था उपयोगी वास्तु  स्वयं बनाया जाते  है आने वाले समय में किस चीज की आवश्यकता पड़ेगी वह आवश्यकता के अनुसार भारतवासी पहले से अपनी जिम्मेदारी इच्छा शक्ति को समझने के बाद कार्य करते थे  जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी उनके नाम से तो बनाई गई काम भी कुछ इसी तरह किहो रही हे हम तो विदेश ही जाएंगे   पढ़ना है बही  में चाहये  देश में कुछ भी  चला  रहा हो 
हमें तो प्रदर्शन करना है JNU के छात्र प्रदर्शन सिर्फ प्रदर्शन चाहे देश में कुछ हो या न हो  प्रदर्शन करना है 
करो  प्रदर्शन किसी बहन को इंसाफ के लिया प्रदर्शन करो  उनके लिए कभी है करते  प्रदर्शन कभी नहीं करते 
देश के खिलाफ प्रदर्शन करना है सरकार की निति पर सवाल करने हे इन्हें तो बस विरोध करना है देश के हित में जो काम चल रहे हैं 
तीन तलाक हो  ,CAA  हो NRC  , हो NPR,  हो GST, हो आतंकीओ को फांसी हो , नोटबंदी हो ,हर तरह का प्रदर्शन  करवा लो  अये भाई कमसे कमसे अपनी पढ़ाई  का तो देहान करें 
अरे हम तो कहते हैं  JNU में इसमें एक और कोर्स खोल दो प्रदर्शन कोर्स आज का युवा भटका हुआ  युवक आओ प्रदर्शन करके देखो 
अभी मैं  कुछ दिन पहले एक लेख पढ़ रहा था कि जेएनयू में  केम्पस बहुत ही दुरुपयोग चीजों  का जाकिर  मिला समान आया  हैं जिसे इस्तेमाल करना बहुत ही एक छात्र जीवन में तो बहुत ही गलत है नशे की धतु यहां तक विदेश से आई हुई नशीले पदार्थ मेडिकल स्टोर से आए हुए .........  चीजें  पाई JNU में हर रोज बाहर निकलता हे 
 दो ,चार विधालय  से देश में  हम उन की मनसा कभी पूरा नहीं  होने  देंगे अभी आप हम पीछे हटेंगे तो उनकी हिमात ओर कई दौर तक जाएगी

देश  की हालात को बदलना  होग़ा है तो यह दीमक  पूरे देश  का नाशुर बन जायेगा सस्थान के अध्याप अपनी देश हूत में  जुम्मेदारी को समझे  और सायद वो लोगां भूल गए की वो आपके छात्र  आप जुम्मेदारी समझे 

Post a Comment

0 Comments