13वीं शताब्दी में यहां के गंगा तट का गोलाघाट व्यापारिक ठहराव का प्रमुख केंद्र था। उस समय आवागमन व व्यापार का प्रमुख मार्ग जलमार्ग था। आसपास उस समय केवल घना जंगल था। जहां चरवाहे नियमित अपने पशुओं को चराने के लिए लेकर आया करते थे। एक दिन एक चरवाहे ने जंगल में धुआं निकलते देखा तो उसने इसकी जानकारी साथियों और आसपास के लोगों को दी।
मुहम्मदाबादनगर से सटे बैजलपुर के महादेवा स्थित सोमेश्वर महादेव का ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र है। दूर-दूर से लोग दर्शन-पूजन, जलाभिषेक और रूद्राभिषेक करने के लिए आते हैं। इस धाम में स्थापित शिवलिंग का इतिहास 13वीं शताब्दी से जु़ड़ा है। बताते हैं कि खुदाई के दौरान उस समय फावड़ा से शिवलिंग पर चोट लग गया था, जिससे खून निकलने लगा था। यह निशान आज भी सोमेश्वर महादेव के शिवलिंग पर साफ दिखाई देता है।
इस प्राचीन स्थान को लोग महादेवा के नाम से जानते हैं और शिवलिंग को सोमेश्वर नाथ महादेव के नाम से पुकारते हैं। यहां भक्त मनोकामना पूर्ण होने पर सोमवार और शुक्रवार को बाबा सोमेश्वर नाथ महादेव के अरघे को गुड़, चीनी के सरबत,गन्ने का रस, दूध ,अन्न व फल आदि से भरते हैं। हर सोमवार को जलाभिषेक करने वालों की भीड़ लगती है। आचार्य पंडित अभिषेक तिवारी के मुताबिक मुहम्मदाबाद प्राचीन काल में धारानगर के नाम से जाना जाता था।
13वीं शताब्दी में यहां के गंगा तट का गोलाघाट व्यापारिक ठहराव का प्रमुख केंद्र था। उस समय आवागमन व व्यापार का प्रमुख मार्ग जलमार्ग था। आसपास उस समय केवल घना जंगल था। जहां चरवाहे नियमित अपने पशुओं को चराने के लिए लेकर आया करते थे। एक दिन एक चरवाहे ने जंगल में धुआं निकलते देखा तो उसने इसकी जानकारी साथियों और आसपास के लोगों को दी। लोगों ने उस स्थान की सफाई करने के साथ-साथ खुदाई करनी शुरू कर दी। इस दौरान लोगों को वहां शिवलिंग दिखाई दिया, लेकिन शिवलिंग अपने स्थान पर जमीन में नीचे की तरफ खिंसकने लगा। कहते हैं इस दौरान फावड़े की चोट उस शिवलिंग पर पड़ी तो उसमें से रक्त की धारा निकलने लगी। लोग इस घटना से डर गए और महादेव से क्षमा प्रार्थना की। बाद में उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया। मंदिर में सामने नंदी की प्रतिमा स्थापित की गई। निर्माण के पश्चात दर्शन पूजन प्रारंभ कर दिया गया। आज भी सोमेश्वर महादेव के शिवलिंग पर फावड़े के चोट का निशान साफ दिखाई देता है।
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