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परमपूज्यनीय श्री गुरुजी rss

 संकटों का भी स्वागत....कंटक पथ अपनाना सीखें !!!

संघ-कार्य करने वालों को अनेक बाधाओं और संकटों का सामना करना पड़ता है। लोग तरह-तरह से उन्हें परेशान करते हैं; पर जिसके मन में अपने लक्ष्य के प्रति अविचल श्रद्धा रहती है, वह इन सब पर विजय पाकर सफल होता है।
संत तुकाराम जी हर समय भगवान के ध्यान में डूबे रहते थे। लोग इस कारण उनकी बहुत निन्दा करते थे और उनके रास्ते पर काँटे बिखेर देते थे। उनकी झगड़ालू पत्नी भी उन्हें गालियाँ देती रहती थी। उनकी दूकान चौपट हो गयी; पर तुकाराम जी विचलित नहीं हुए। वे इन संकटों के लिए भी ईश्वर को धन्यवाद ही देते थे।
ऐसा कहते हैं कि उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर ईश्वर ने उनके लिए विमान भेजा और वे इसी शरीर के साथ स्वर्ग चले गये।
- परमपूज्यनीय श्री गुरुजी

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