अ से अनार, आ से आम बच्चों जग में करो नाम
इसे इमली, ई से ईख किताबों से मिलती है सीख
उ से उल्लू ऊ से ऊन निशा को चमकते मामा मून
ये ऋ से तो होता है ऋषि भूमि पुत्र करते हैं कृषि
ए से एड़ी, ऐ से ऐनक दादाजी से घर में रौनक
ओ से ओखली, औ से औरत छोटे बड़ों से करो मोहब्बत
अं से अंगूर, अः से खाली
सीख गए तो बजाओ ताली
उड़ी चिरैया....
उड़ी चिरैया फुर्र फुर्र उड़ी चिरैया फुर्र
क्या दिन थे वो सुनहले क्या दृश्य था सुहाना जब दादी अम्मा डालती थीं चिड़ियों को दाना पेड़ कटे, जंगल कटा, हुई चिरैया दुर्र दुई
फुदक फुदकके रोज था उसका छत पर आना अपनी चीं चीं से बच्चों को करती थी दिवाना नीड़ उजाड़ा, घर बनाया अरे मनुज हुई हुई
उडी चिरैया फुर्र फुर्र उड़ी चिरैया फुर्र
इसे इमली, ई से ईख किताबों से मिलती है सीख
उ से उल्लू ऊ से ऊन निशा को चमकते मामा मून
ये ऋ से तो होता है ऋषि भूमि पुत्र करते हैं कृषि
ए से एड़ी, ऐ से ऐनक दादाजी से घर में रौनक
ओ से ओखली, औ से औरत छोटे बड़ों से करो मोहब्बत
अं से अंगूर, अः से खाली
सीख गए तो बजाओ ताली
उड़ी चिरैया....
उड़ी चिरैया फुर्र फुर्र उड़ी चिरैया फुर्र
क्या दिन थे वो सुनहले क्या दृश्य था सुहाना जब दादी अम्मा डालती थीं चिड़ियों को दाना पेड़ कटे, जंगल कटा, हुई चिरैया दुर्र दुई
फुदक फुदकके रोज था उसका छत पर आना अपनी चीं चीं से बच्चों को करती थी दिवाना नीड़ उजाड़ा, घर बनाया अरे मनुज हुई हुई
उडी चिरैया फुर्र फुर्र उड़ी चिरैया फुर्र
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