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गरीबों, किसानों और मजदूरों के खाते में मिलेंगे पैसे

Nirmala Sitharaman ने किया 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान; गरीबों, किसानों और मजदूरों के खाते में मिलेंगे पैसे

कोरोना महामारी और लॉकडाउन की चुनौतियों से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इसमें वित्त मंत्री ने किसानों, गरीबों और लॉकडाउन से प्रभावित सभी लोगों के लिए कुछ न कुछ राहत की घोषणाएं की हैं। वित्‍त मंत्री ने लॉकडाउन से प्रत्‍यक्ष रूप से प्रभावित गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के साथ-साथ गांवों में रहने वालों के लिए 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की। जानिए वित्त मंत्री की घोषणा की सभी जरूरी बातें...इसके अलावा कंस्‍ट्रक्‍शन से जुड़े 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए 31,000 हजार रुपये के फंड का सदुपयोग किया जाए। इसके लिए राज्‍य सरकारों से कहा जाएगा।कोरोना वायरस से जंग के लिए मेडिकल टेस्‍ट, स्‍क्रीनिंग और अन्‍य जरूरतों के लिए डिस्ट्रिक्‍ट मिनेरल फंड का उपयोग करने की आजादी राज्‍य सरकारों को दी जाएगी। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भी इस फंड का उपयोग किया जाएगा। 100 से कम कर्मचारी वाली कंपनी जिसमें 90 फीसद कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से कम है, उसके कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते में सरकार अगले तीन महीने तक कर्मचारी और कंपनी की तरफ से पैसे डालेगी। सरकार दोनों की तरफ से 12-12 फीसद का योगदान करेगी। इससे 80 लाख से ज्‍यादा मजदूरों को लाभ लेगा। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ के रेगुलेशन में बदलाव किया जाएगा। अब कर्मचारी अपने प्रोविडेंट फंड खाते से 75 फीसद राशि या तीन महीने की सैलरी, जो भी राशि कम हो, की निकासी कर सकते हैं। ये पैसे उन्‍हें वापस नहीं करने होंगे। 50 लाख का बीमा कवर उन लोगों को मिलेगा जो कोरोना वायरस के इलाज में प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इनमें डॉक्‍टर, पैरामेडिकल स्‍टाफ, सफाई कर्मचारी आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य राहत दी जाएगी। 5 किलो गेहूं या चावल पहले से मिलता था अब 5 किलोग्राम अगले तीन महीने तक मुफ्त में देगी सरकार। लोगों को अपनी पसंद का 1 किलो दाल हर महीने फ्री मिलेगा। सरकार किसी को भूखा नहीं रहने देगी, हर किसी को अन्‍न मिलेगा।

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